एसिडिटी क्या है
भारतीयों में एसिडिटी या एसिड रिफल्क्स की समस्या बहुत आम है। इसकी वजह से छाती के निचले हिस्से में जलन महसूस होती है जिसका कारण भोजन नली में नेट के एसिड का वापिस आना है। खानपान से संबंधित गलत आदतों और खराब जीवनशैली को इस स्थिति का प्रमुख कारण माना जाता है।
कैसे होती है एसिडिटी
हम जो भी खाते हैं वो भोजन नली के द्वारा हमारे पेट के अंदर जाता है। पेट में मौजूद गैस्ट्रिक ग्रंथियां एसिड बनाती हैं जो कि खाने को पचाने और कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए जरूरी है। जब गैस्ट्रिक ग्रंथियां पाचन प्रक्रिया के लिए जरूरत से ज्यादा मात्रा में एसिड बनाने लगती हैं तो एसिडिटी पैदा होती है। इस स्थिति में सीने में जलन महसूस होती है। चूंकि, भारत में तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन ज्यादा किया जाता है इसलिए यहां पर एसिडिटी से ग्रस्त लोगों की संख्या काफी अधिक है।
एसिडिटी के लक्षण
• पेट में जलन
• गले और सीने में जलन महसूस होना
• खाना निगलने में दिक्कत आना
• बेचैनी
• खट्टी डकार आना
• जी मितली
• मुंह में लंबे समय तक खट्टा स्वाद आना
• मुंह से बदबू आना
• अपच
• कब्ज
अगर आपको एसिडिटी है या लगातार एसिडिटी की प्राब्लम रहती है तो आप घर में मौजूद चीज़ों से ही इसका इलाज कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन-सी 5 चीज़ें हैं जो एसिडिटी से छुटकारा पाने में मदद करती हैं।
आंवला
आंवले में सूजन-रोधी यौगिक और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कि पेट में विषाक्त पदार्थों को कम करने में मदद करते हैं। इससे पेट दर्द और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत मिलती है। ये शरीर में पित्त के स्तर को भी कम करता है जिससे पेट की अनेक व्याधियां दूर होती हैं। आंवला में एक ऐसा रसायन मौजूद होता है तो पाचन प्रक्रिया को तेज कर पेट में गैस्ट्रिक रस का स्राव करता है।
एक गिलास पानी में आंवला को उबालें और उसके छोटे-छोटे टुकड़ें कर के रख लें। अब इसे सूखने के लिए धूप में रख दें। अपच या एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए इसे चबाएं। एसिडिटी, कब्ज और गैस से राहत पाने के लिए आंवला के रस का भी सेवन कर सकते हैं।
अदरक
अदरक में फेनोलिक यौगिक होता है जिसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जलन और गैस्ट्रिक संकुचन को कम करने में असरकारी माना जाता है। अदरक पेट से भोजन नली में वापिस आए एसिड के स्राव को रोक सकती है। इससे एसिड रिफलक्स से भी आराम मिलता है। अदरक को छील लें और अब इसे पीसकर या काटकर खाने में डालें।। आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं या अदरक की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। सूप या सलाद में भी अदरक घिसकर डाली जा सकती है।
ठंडा दूध
ठंडा दूध पेट में किसी भी तरह के एसिड को बनने से रोकता है और एसिड रिफलक्स से बचाता है। ये जीईआरडी को भी नियंत्रित करने में मदद करता है और सीने में जलन से राहत दिलाता है जो कि एसिडिटी का प्रमुख लक्षण है। एक गिलास ठंडा दूध पीने से एसिडिटी से तुरंत राहत मिलती है। एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए आपको फैट-फ्री मिल्क पीना चाहिए।
केला
केले में एसिड की मात्रा बहुत कम होती है जिस वजह से भोजन नली की लाइनिंग में आई दिक्कत को दूर करता है। इससे एसिड रिफलक्स से राहत मिलती है। इसमें फाइबर की उच्च मात्रा होती है और केला पाचन तंत्र को मजबूती भी प्रदान करता है जिससे अपच जैसी समस्या नहीं होती है। केले में पेक्टिन नामक एक घुलनशील फाइबर होता है जो कि पाचन मार्ग के ज़रिए पेट में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। केले में प्रीबायोटिक्स होते हैं जो पेट के लिए जरूरी और गुड बैक्टीरिया को बनाने में मदद करते हैं। इससे एसिड रिफलक्स की संभावना बहुत कम हो जाती है।
सौंफ
सौंफ में फाइबर बहुत ज्यादा होता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं। सौंफ पेट खराब होने या फूड प्वाइजनिंग की स्थिति में गैस पैदा करने वाले बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। सौंफ के दानों को पीसकर खाने या चाय में डाल दें। खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें सौंफ को भूनकर डाल सकते हैं। चाय बनाते समय उसमें एक चम्मच जीरा कूटकर डालें। दिनभर में 480 मि.ग्रा सौंफ का सेवन करने से एसिडिटी नहीं होती है।
अगर आपको एसिडिटी या गैस रहती है तो उपरोक्त बताई गई 5 चीज़ों की मदद से आप आसानी से पेट से संबंधित समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। ये चीज़ें आसानी से आपको घर में मिल जाएंगीं और इनके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं।
एसिडिटी, गैस, कब्ज आदि से राहत पाने के लिए Gas-o-fast भी ले सकते हैं। ये बहुत कम समय में एसिडिटी और गैस से राहत दिलाती है। इसे आप अपने पर्स आदि में रख सकते हैं और जब भी एसिडिटी या गैस महसूस हो, पानी में मिलाकर पी लें।
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