भारतीयों को एसिडिटी की परेशानी बहुत होती है। यहां पर लोग गरिष्ठ भोजन करना ज्यादा पसंद करते हैं इसलिए यहां एसिडिटी एक आम समस्या है। एसिड के वापिस भोजन नली में जाने पर सीने के निचले हिस्से में जलन महसूस होती है जिससे एसिडिटी की स्थिति उत्पन्न होती है। बहुत ही कम लोगों को इस बात का अहसास होता है कि उनकी खानपान से संबंधित गलत आदतों और खराब जीवनशैली के कारण उन्हें एसिडिटी हुई है।
कैसे होती है एसिडिटी
हम जो भी खाते हैं, वो सब भोजन नली से गुज़र कर पेट तक पहुंचता है। पेट की गैस्ट्रिक ग्रंथियां खाने को पचाने और कीटाणुओं को मारने के लिए जरूरी एसिड का उत्पादन करती हैं। जब गैस्ट्रिक ग्रंथियां पाचन प्रक्रिया की जरूरत से ज्यादा मात्रा में एसिड बनाने लगती हैं तो इस स्थिति में एसिडिटी होने लगती है। इसमें सीने में जलन महसूस होती है।
भारत में तैलीय और मसालेदार भोजन खूब खाया जाता है इसीलिए यहां पर एसिडिटी एक आम समस्या है।
किन लोगों को होता है एसिडिटी का खतरा
जीवनशैली और खानपान से संबंधित कई आदतों की वजह से एसिडिटी हो सकती है। आइए जानते हैं एसिडिटी के क्या कारण हैं।
पेट से जुड़े विकार
पेट से संबंधित विकार जैसे कि गैस्ट्रोइसोफेगल रिफलक्स डिज़ीज़, ट्यूमर, पेट में अल्सर की स्थिति में भी एसिडिटी हो सकती है। इन स्वास्थ्य स्थितियों से ग्रस्त व्यक्ति में एसिडिटी का खतरा ज्यादा रहता है।
एसिडिटी के अन्य कारण
एसिडिटी के लक्षण
एसिडिटी में पेट में जलन, गले और सीने में जलन, निगलने में दिक्कत, बेचैनी, डकार आना और जी मितली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। मुंह का स्वाद लंबे समय तक खट्टा रहना, सांसों से बदबू आना, अपच और कब्ज भी इसके लक्षणों में शामिल हैं।
एसिडिटी के घरेलू नुस्खे
नारियल पानी से पेट और पाचन तंत्र को आराम एवं ठंडक मिलती है। दिन में कम से कम दो गिलास नारियल पानी पीएं।
एसिडिटी को दूर करने में तरबूज का रस भी फायदेमंद होता है। आप सुबह नाश्ते में एक गिलास तरबूज का रस ले सकते हैं।
लंच से एक घंटा पहले नींबू पानी पीएं। एसिडिटी की वजह होने वाली बेचैनी और असहजता को ये कम करता है।
मसालेदार खाने के बाद एक गिलास छाछ पीने से एसिडिटी नहीं बनती है। छाछ में लैक्टिक एसिड होता है जो पेट में एसिडिटी को ठीक करता है।
एसिड रिफलक्स को कम करने के लिए तुलसी की कुछ पत्तियां खा लें या पानी में उबालकर पीएं। आप पुदीने की पत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
खाना खाने के बाद एक गिलास गुनगुना पानी पीएं।
अपने आहार में केला, खीरा और योगर्ट शामिल करें। ये एसिडिटी से तुरंत राहत दिलाने में कारगर हैं।
एसिडिटी के लक्षणों को कम करने के लिए लौंग को मुंह में रखकर चूसने से भी फायदा होता है।
अदरक पाचन में सुधार करती है। खाना पकाते समय उसमें अदरक डालें या एक गिलास पानी में अदरक को पानी के आधा होने तक उबालें। इसे खाली पेट पीएं।
रोज़ सुबह खाली पेट एक चम्मच एप्पल सिडर विनेगर पीएं।
रोज़ाना कम से कम दो लीटर पानी जरूर पीएं।
अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके भी एसिडिटी को कम किया जा सकता है। अगर आपको एसिडिटी की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा होती है तो योग और व्यायाम की मदद से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है। एक्सरसाइज़ करने से पेट की मांसपेशियां उत्तेजित होती हैं और अपना काम बेहतर तरीके से कर पाती हैं इसलिए रोज़ एक्सरसाइज़ जरूर करें। इससे आप फिट भी रहते हैं और कई बीमारियों से सुरक्षा भी मिलती है।
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