एसिडिटी होने पर दवाईयों के सेवन से करें किनारा। जानें एसिडिटी के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार और नियमित जीवनशैली के बारे में। गैसोफास्ट के साथ स्वास्थ्य और सुखद जीवन का आनंद लें।
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एसिडिटी होने पर दवाईयों के सेवन से करें किनारा

एसिडिटी होने पर दवाईयों के सेवन से करें किनारा

August 22, 2019

पेट एवं पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाली एक आम समस्‍या है एसिडिटी। खराब जीवनशैली और फास्‍टफूड के सेवन के कारण एसिडिटी की समस्‍या बहुत ज्‍यादा बढ़ गई है। एसिडिटी की वजह से सीने में जलन और जी मितली होती है। जब पेट में मौजूद पाचक रस वापिस भोजन नली में चला जाता है तो एसिडिटी की समस्‍या पैदा होने लगती है।


कई लोगों को बाहर खाना खाने या ओवरईटिंग करने पर एसिडिटी हो जाती है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनकी जिंदगी में एसिडिटी रोजाना की बात हो जाती है। अगर पेट में एसिड की मात्रा काफी बढ़ जाए तो इस स्थिति को हाइपरएसिडिटी कहा जाता है। 
हाइपरएसिडिटी या एसिडिटी से निपटने के लिए दवाओं की मदद ली जाती है लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि ये दवाएं एसिडिटी को कम करती हैं या फिर आपको दूसरी बीमारियों का शिकार बनाती हैं। 


आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए ली जाने वाली दवाओं के क्‍या नुकसान होते हैं।
एसिडिटी को दूर करने के लिए प्रोटोन पंप इंहिबिटर्स दिए जाते हैं। ये पेट में मौजूद गैस्ट्रिक एसिड की मात्रा को कम कर सीने में जलन और एसिडिटी के अन्‍य लक्षणों से राहत दिलाते हैं। इन दवाओं का सेवन करने की वजह से कुछ समय के लिए निम्‍न हानिकारक प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं:
• सिरदर्द
• जी‍ मितली
• दस्‍त
• पेट में दर्द 
• थकान
• चक्‍कर आना
• खुजली
• पेट फूलना 
• कब्‍ज
इन लक्षणों के अलावा एसिडिटी के लिए इस्‍तेमाल होने वाले प्रोटोन पंप इंहिबिटर्स की वजह से गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि स्‍ट्रोक, डिमेंशिया, कुछ प्रकार के संक्रमण, निमोनिया आदि।


जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिसन में प्रकाशित हुई एक स्‍टडी के अनुसार पीपीआई से गंभीर किडनी समस्‍या जैसे कि दीर्घकालिक किडनी रोग और किडनी फेलियर की परेशानी हो सकती है। अगर गर्भवती मां एसिडिटी की इन दवाओं का सेवन करती है गर्भावस्‍था के पहले चरण में शिशु को जन्‍मजात ह्रदय विकार होने का खतरा दोगुना रहता है। इसमें शिशु के दिल में छेद होना सबसे सामान्‍य है।
कौन होता है एसिडिटी का शिकार
• शराब का अत्‍यधिक सेवन करने
• मोटापे से ग्रस्‍त व्‍यक्‍ति
• अधिक मसालेदार खाना खाने पर
• रजोनिवृत्ति के आसपास की उम्र वाली महिलाओं में
• नॉन-स्‍टेरॉइडल एंटी-इंफ्लामेट्री दवाओं के सेवन
•  गर्भावती महिला को
•  डायबिटीज, अस्‍थमा, हाइटल हर्निया, पेप्टिक अल्‍सर से ग्रस्‍त व्‍यक्‍ति


अगर आप भी एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए एलोपैथी दवाओं का सेवन करते हैं तो ज़रा संभल जाइए क्‍योंकि इनकी वजह से आपकी सेहत को कोई गंभीर नुकसान हो सकता है। दवाओं के इस्‍तेमाल से बेहतर है कि आप एसिडिटी को दूर करने वाले घरेलू नुस्‍खे आज़माएं क्‍योंकि इनके कोई दुष्‍प्रभाव भी नहीं होते हैं और एसिडिटी भी धीरे-धीरे दूर हो जाती है।


यदि आपको अक्‍सर एसिडिटी की शिकायत रहती है तो आपको अपने पास Gas-o-fast रखनी चाहिए। Gas-o-fast मिनटों में एसिडिटी से राहत दिलाती है। इसे आप आसानी से अपने बैग या पर्स में रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर एक गिलास पानी में घोलकर पी सकते हैं। Gas-o-fast की सबसे खास बात यही है कि ये मिनटों में एसिडिटी से राहत दिलाती है।


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